कृष्ण भगवान: भक्ति, प्रेम और लीलाओं का उद्धारक -
कृष्ण जमाष्टमी 2023 -
भगवान श्री कृष्ण, भक्ति और प्रेम की अद्भुत कथाओं का प्रतिनिधि है। उनके भजन और लीलाओं का स्मरण करने से हम सबकी आत्मा को शांति और आनंद की अनुभूति होती है। कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा के पर्वोत्सव के समय, आज हम उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करेंगे।
कृष्ण जन्म, मथुरा नगरी में हुआ, जहां कंस जैसे दुराचारी राजा शासन कर रहे थे। उन्ही के खिलाफ भगवान श्री विष्णु ने विष्णु अवतार लेकर कृष्ण भगवान के रूप में जन्म लिया। गोकुल में उनके माता पिता नंदबाबा और यशोदा मैया ने उन्हें पाल पोसकर बढ़ाया। उनका बचपन शरारत और लीलाओं से भरा था।
कृष्ण लिलाओ के प्रसंग में भी मनोहर और प्रेम भरा है। उनकी प्रेम कथा में उनके साथ अनगिनत गोपियां भी जुड़ी हुई हैं, जिनमे राधा और मीरा भी शामिल हैं। उनका प्रेम, वात्सल्य और सखा भाव उनकी लीलाओं में दिखता है। लीला कथा में गोपियों के साथ कृष्ण के रास - लीला, माखन चोरी और बांसुरी बजाओ की कथाएं मशहूर हैं।
गोवर्धन पूजा भी कृष्ण के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने अपने गोकुल के वासियों को इंद्र की पूजा से हटाया और गोवर्धन पर्वत को पूजा किया। यह प्रथा हर एक साल होती है और भक्तों का प्रभु का धन्यवाद और प्रेम प्रकट किया जाता है।
श्रीमद भागवत गीता में कृष्ण भगवान का ज्ञान और उपदेश प्रस्तुत है। उन्होंने अर्जुन को महान युद्ध के मैदान में कुरुक्षेत्र पर समझाया। भक्ति और निष्काम कर्मा के मूल सिद्धांतों को वो समझाते रहे। कृष्ण भगवान ने युद्ध में अर्जुन को अपने सारथी के रूप में बेहतर बनाया और उनको समझाया की हार जीत, जीवन के सफर का एक सदुपयोग है।
कृष्ण भगवान ने जीवन के हर पहलू को हमेशा भक्ति, प्रेम और लीला के माध्यम से परिवर्तित किया। उनकी कथा, गीत और उपदेश हमेशा हमारे दिल और मन को शांति और आनंद से भर देते हैं। उनके चरणों में ही मुक्ति और आंतरिक शांति की प्राप्ति, भक्ति की शक्ति और प्रेरणा का स्थान है।
तो चलिए, अब जब कृष्णा जन्माष्टमी 2023 अब पास आ रही है, तो अब समय आ गया है Lord Krishna के रास और मैजिकल दुनिया में खो जाने का। कृष्ण लीला, कृष्ण खवैया खेल, हमें हजारों सालों से खींचती ले आई है। चलिए, Radhe Krishna की अमर प्रेम कथा, Hare Krishna की महीमा और राधा कृष्ण के ISKON Temple की शानदार सुंदरता पर बात करते हैं।
कृष्णा, जिसे Gopala या Govinda भी कहा जाता है, हजारों साल पहले कृष्ण अंधेरी रात में कंस के मथुरा के कारावास में जन्म हुआ। जन्माष्टमी के रूप में मनाई जाने वाली यह खाश दिन अंधकार और व्यस्तता में देवता रूप में उत्पन्न होने का प्रतीक है। कृष्ण का धर्मसार है, और उनकी लीला हम नौजवानों से लेकर बुजुर्गों तक हर व्यक्ति के दिल में विराजते हैं। कहा जाता है की भगवान कृष्णा अपने बचपन पूरी शरारतों के साथ बिताते थे। उनके निराला रूप सबको मोहित कर दिया करते थे। उनकी बांसुरी के मधुर संगीत ने वृंदावन के गोपियों के अलावा हर एक जीव में जीवन भर लिया था।
गोपियों में, कृष्ण की प्रेम भक्ति उनकी अटल साथी राधा के लिए सराहा गया है। राधा कृष्ण की अमर प्रेम कथा आत्मानुभूति का प्रतीक है। उनकी दिव्य प्रेम कथा किसी भी संसारी सीमा से परे, भौतिक है। Radha Krishna का प्रेम पवित्र और परम तत्व है। राधा कृष्णा के प्रेम की कथा लाखों प्रेमियों को प्रेरित करती है, जो उनको अनन्य भक्ति और अनंत स्नेह का तत्व सीखते हैं।
"Hare Krishna, Hare Krishna, Krishna Krishna, Hare Hare, Hare Rama, Hare Rama, Rama Rama, Hare Hare" -
ये शक्तिशाली शब्द Hare Krishna का महामंत्र है। इस मंत्र का जाप शांति, अंतरिक सुकून और भगवान से जोड़ने का एक संदेश है। यह हमारे अंदर आत्मानुभूति और आध्यात्मिक उज्जवलता की रफ्तार बढ़ाता है। यह मंत्र हमें याद दिलाता है की हमें अपने आपको राधा कृष्णा के अमर प्रेम में समर्पित कर देना चाहिए, जिससे हम अपनी अस्मिता को बढ़ा सकें और आध्यात्मिक जागृति को पा सकें।
Radha Krishna के भक्तों के लिए सबसे प्रमुख पूजा स्थल International Society for Krishna Consciousness (ISKON) Temple है । यह खूबसूरत मंदिर राधा कृष्ण का संदेश और प्रेम दुनिया भर में फैलाने का काम करते हैं। ISKON मंदिरों में ना ही सिर्फ भक्ति का स्थान है, बल्कि यह सांस्कृतिक, योग, ध्यान और शिक्षा का केंद्र भी है। यह मंदिर भक्तों को ध्यान में लीन, कृष्णा के आशीर्वाद को प्राप्त करने और राधा कृष्ण की दिव्य उपस्थिति का अनुभव करने के लिए एक पावन स्थल प्रदान करते हैं।
राधा कृष्ण के प्रेम और शिक्षा अनादि है और हमेशा के लिए बरकरार रहेंगे। भगवान कृष्णा के प्रेम से युग युग तक शांति, आनंद और पूर्णानंद मिलते रहें ।
Jai Sri Radhe Krishna!
जय श्री राधे कृष्णा।