हमे कलयुग में भगवान क्यों नही मिलते :-
यह एक व्यापक विषय है, जिस पर सोच, अनुभव और आध्यात्मिक प्राथमिकताओं के आधार पर कई दृष्टिकोण हो सकते हैं।
धार्मिक एवं दार्शनिक परम्पराओं के अनुसार ईश्वर पूजा के रूप में प्रकट होते हैं, जो ईश्वरीय तत्त्व से सम्बन्धित है। इसके अतिरिक्त, कभी-कभी लोगों में हमारी कर्मभूमि यानी मांस खाने वाली दुनिया या अजित्सू विश्वास में भगवान के अस्तित्व को समझने की क्षमता की कमी दिखाई दे सकती है।
इसका मतलब यह नहीं है कि भगवान का अस्तित्व नहीं है, लेकिन हमारी संवेदनशीलता, संवेदनशीलता या ज्ञान की कमी के कारण वह हमारे सामने प्रकट नहीं हो रहा है।
समय-समय पर ईश्वर के स्वरूपों की प्रामाणिकता एवं अस्तित्व के सन्दर्भ में जीवन की अत्यंत सामान्य स्पष्टता एवं स्पष्टता के संकेत मिलते रहते हैं।
ये प्रमाणपत्र और संकेत अक्सर आत्मज्ञान, आध्यात्मिक अनुभूति, आनंदमय अनुभव, आत्मज्ञान और अलौकिक ज्ञान के अनुभव और प्रतिष्ठा से प्रकट होते हैं।
लेकिन इसे समझने के लिए, हमें आध्यात्मिक प्रथाओं, दिव्य प्रकृति और हमारे भीतर की कई धारणाओं, भावनाओं और संस्थाओं से प्यार महसूस करना चाहिए।
इसलिए, यह निश्चित नहीं है कि भगवान कलियुग में माँग कर सकते हैं या नहीं। इसके बजाय, आपकी अपरंपरा (अनुवांशिकता), नास्तिकता, शर्मीलापन या आराम की कमी या अन्य आध्यात्मिक कारक एकता, करुणा, श्रद्धा, एकांत, सेवा और मोक्ष के गुणों के विस्तारित अभ्यास का कारण हो सकते हैं।